साओ पाउलो। पहले से किसी अन्य बीमारी से जूझ रहे मरीज पर कोरोना का कहर अधिक होता है। एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि डेंगू से पीड़ित मरीजों का सामना करने वालों पर महामारी कोविड-19 का खतरा दोगुना बढ़ जाता है। ब्राजील की साओ पाउलो यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के अनुसार, 1,285 लोगों पर किए गए एक अध्ययन के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया है।अध्ययन में शामिल किए गए लोगों के रक्त के नमूनों में डेंगू वायरस और कोरोना का कारण बनने वाले सार्स-कोव-2 के खिलाफ एंटीबॉडी की मौजूदगी पाई गई है। ये नमूने नवंबर, 2019 से नवंबर, 2020 के दौरान एकत्र किए गए थे। नतीजों से पता चला कि 37 फीसद लोग नवंबर, 2019 से पहले डेंगू की चपेट में आए थे और 35 फीसद नवंबर, 2020 से पहले कोरोना संक्रमित हो गए थे। यह जाहिर हो चुका है कि कोरोना वायरस (कोविड-19) उन लोगों के लिए ज्यादा घातक साबित हो रहा है, जो पहले से ही किसी बीमारी से जूझ रहे हैं। अब एक नए अध्ययन में पाया गया है कि पूर्व में डेंगू का सामना करने वाले लोगों में इस खतरनाक वायरस का खतरा ज्यादा हो सकता है। ऐसे लोगों में कोरोना संक्रमण का जोखिम दोगुना ज्यादा पाया गया है। अध्ययन के प्रमुख शोधकर्ता और साओ पाउलो यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मार्सेलो उरबानो फरेरा ने कहा, ‘डेंगू से पीडि़त हो चुके लोग अगर कोरोना की चपेट में आते हैं तो वे गंभीर रूप से बीमार पड़ सकते हैं। अतीत में डेंगू का सामना करने वालों में कोरोना संक्रमण का ज्यादा खतरा पाया गया है।’ क्लीनिकल इंफेक्शियस डिजीज पत्रिका में अध्ययन को प्रकाशित किया गया है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, यह हो सकता है कि डेंगू वायरस के खिलाफ बनी एंटीबॉडी के चलते कोरोना को कुछ हद तक बढ़ावा मिल सकता है। हालांकि अभी तक किसी स्पष्ट कारण का पता नहीं चला है।